Swati Sharma

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वार्षिक लेखन प्रतियोगिता कविता 2:- विकास

वार्षिक कविता प्रतियोगिता 2:- 

कविता :- विकास 

विकास की लहर ऐसी चली
चप्पा-चप्पा गली-गली

हर शक्श है ज्ञानी आजकल
ज्ञान का पिटारा सबके पास है हर पल

सबकी जीवन शैली है बिंदास
दूर करो अब भारी भरकम खटास

ज्ञान ही है विकास की सीढ़ी
यह बात गांठ बांध लो अब दीदी

अज्ञानता का अंधकार मिटाओ
ज्ञान की ज्योत सबमें जगाओ

साथ में मिलकर झूमों नाचो गाओ
बड़े छोटे का भेद मिटाओ

खुशी के गीत साथ में गाओ
विकास की ओर कदम बढ़ाओ।

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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

02-Mar-2022 04:47 PM

बहुत खूबसूरत

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Swati Sharma

03-Mar-2022 12:12 AM

धन्यवाद

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

01-Mar-2022 03:45 PM

Nice

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Swati Sharma

01-Mar-2022 07:06 PM

Thanks

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